प्रिय छात्र/पालकगण,
शासकीय पं.श्याम शंकर मिश्र महाविद्यालय, देवभोग की स्थापना 14 अगस्त 2007 को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा की गई। प्रारम्भ में महाविद्यालय जनपद देवभोग के एक कक्ष में संचालित हुआ करता था। तत्पश्चात् 2014 तक इसका संचालन बालक पूर्व माध्यमिक शाला देवभोग के भवन में किया गया। सत्र 2014-15 से महाविद्यालय का संचालन स्वयं के नव-निर्मित भवन में हो रहा है। महाविद्यालय का नामकरण देवभोग के प्रसिद्ध गाॅधीवादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.पं.श्यामशंकर मिश्र जी के नाम पर किया गया हैं, पंडित जी ने देवभोग के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में पहली बार हरिजनों को प्रवेश दिलाया था एवं स्वतंत्रता संग्राम में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।
महाविद्यालय की विकास यात्रा आठ वर्ष पूर्व सन् 2007 में 58 छात्रों से प्रारम्भ हुई एवं 2015-16 में 374 तक पहुॅच गई। महाविद्यालय को पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त है। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार स्थानीय प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। जिसका पंजीयन क्रमांक - 26850 है।
दूरस्थ अंचल में होते हुये भी अध्ययन-अध्यापन स्तरीय रखकर नैतिकता का पाठ छात्र पाते हैं। अध्ययन-अध्यापन के अतिरिक्त षैक्षिकेत्तर गतिविधियों पर भी ध्यान रखकर छात्रों के सर्वागिण विकास पर जोर दिया जाता है।
महाविद्यालय का जीवन छात्रों के लिये महत्वपूर्ण होता है जहाॅ छात्र ज्ञान के साथ-साथ जिंदगी सवाॅरने हेतु प्रयासरत रहते हैं।महाविद्यालय परिवार पग-पग पर सहयोग करता है।महाविद्यालय की स्थानीय प्रबंधन समिति छात्रों की समस्याओं के निदान हेतु हमेषा तत्पर रहती है।
विष्वास है कि षासन-प्रषासन, स्थानीय नागरिक व पालकगण का भी अपेक्षित सहयोग प्राप्त होगा जिससे हमारा महाद्यिालय छात्रों को उनक लक्ष्य तक पहुॅचाने में सफल होगा।